देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासियों की मदद के लिए कई सेवाभावी संस्थाओं ने हाथ बढ़ा दिए हैं। वे इनके भोजन से लेकर आवास तक की व्यवस्था करने में जुट गई हैं।महाराष्ट्र के तीन बड़े महानगर मुंबई, पुणे एवं नासिक का स्वर्णिम त्रिभुज कई राज्यों के प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराता है। महाराष्ट्र से सटे गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और गोवा के अलावा बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के लोग भी यहां विभिन्न प्रकार के रोजगारों में लगे हैं।
खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं तेलंगाना के लोगों की बड़ी संख्या यहां मेहनत-मजदूरी के काम करती है। 25 मार्च से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से यह वर्ग बेरोजगार हो गया है। दैनिक मजदूरी करने वाले इस वर्ग पास न तो काम है, न खुद को अधिक समय मुंबई, पुणे या नासिक में टिकाए रखने के पैसे। धारावी के अब्दुल हकीम हाशमी बताते हैं कि वहां चमड़े के बैग बनाने का काम करनेवाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के 400 से ज्यादा मजदूरों को खाने के लाले पड़ने लगे हैं। पहले धारावी की कुछ महिलाएं भोजन बनाकर छोटी-छोटी मेस चलाती थीं, जहां इन लोगों को कम पैसे में भरपेट भोजन मिल जाता था। लॉक डाउन के बाद से वह व्यवस्था बंद हो गई है। अब्दुल हकीम हाशमी द्वारा यह जानकारी प्रवासी उत्तर प्रदेशियों के बीच काम करनेवाली संस्था उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम को मिली। जिसने अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नसीम सिद्दीकी द्वारा प्रवासियों के लिए शुरू किए गए सामुदायिक भोजनालय से इन मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की।