ओडिशा में गजराज सुरक्षित नहीं है। पिछले तीन साल में विभिन्न कारण से 246 गजराज की मृत्यु हो जाने की जानकारी जंगल एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री विक्रम केशरी आरूख ने दी है। प्रदेश में हाथियों की संख्या कितनी है, पिछले तीन साल में कितने गजराज की जान गई है एवं उनके सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए जा रहे हैं, विधानसभा में बलांगीर लोइसिंहा के भाजपा विधायक मुकेश महालिक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री आरूख ने यह जानकारी दी है।
मंत्री ने कहा है कि विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होकर, बिजली तार के स्पर्श में आ जाने, ट्रेन की चपेट में आ जाने जैसे कारणों के चलते हाथियों की मौत हो रही है। मंत्री ने कहा कि 2017 में हाथी गणना के मुताबिक राज्य के विभिन्न जंगलों में कुल 1976 हाथी हैं। इसमें से शिमिलीपाल अभयारण्य में सर्वाधिक 330 हाथी हैं जबकि ढेंकानाल में 169 हाथी, सातकोशिया में 147 हाथी तथा आठगड़में 115 हाथी हैं। ओड़िशा के 50 वनखंड में से 13 वनखंड में एक भी हाथी नहीं हैं। यहां तक कि भुवनेश्वर से सटे चंदका अभयारण्य में मात्र एक ही हाथी होने की जानकारी मंत्री ने दी है।