भूख प्यास से बेचैन गगन अपने दो मासूम बच्चों और पत्नी के साथ राहत कैंप में पहुंचे तो उन्हे लगा जैसे स्वर्ग में आ गए। पानी की बोतल और बिस्किट का पैकेट हाथ में आते ही उन्होंने ऊपर वाले शुक्र अदा किया। दोपहर में भोजन की थाली सामने आई तो खुराक से ज्यादा खा गए। गगन की तरह उन तमाम लोगों का भी ऐसा ही हाल है जो राहत कैंप में पहुंचाए गए हैं।
कोराना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने 21 दिन के लिए लाक डाउन कर रखा है। इस दौरान दूसरे जिलों और राज्यों में काम करने वाले मजदूरों व कर्मचारियों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गईं। उद्योग धंधे बंद होने पर बेरोजगार हो गए। फैक्ट्री स्वामियों ने बाहर निकाल दिया तो सड़क पर आ गए। ऐसे में इन लोगों ने अपने घरों का रुख कर लिया। हरियाणा, दिल्ली, नोएडा आदि स्थानों से पैदल ही चल पड़े। दो दिन पहले जब पता चला कि प्रदेश सरकार रोडवेज बसें चलवा रही है तो दिल्ली में बस अड्डों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कुछ लोगों ने प्राइवेट बसों का सहारा लिया। लेकिन, तमाम लोग बीच रास्ते में ही फंस गए हैं। ऐसे लोगों के लिए राहत कैंप बनाए गए हैं। रामपुर में राजकीय आश्रम पद्धति स्कूल में राहत कैंप बना है। इस कैंप में सोमवार सुबह से ही लोगों को पहुंचाया जा रहा है। शाम तक 112 लोग पहुंच गए