औरंगाबाद कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जब हर नागरिकों को मास्क की जरूरत पड़ी। तो बाजार से मास्क गायब हो गया। खोजने से भी मास्क नहीं मिल रहा है। कुछ दुकानों पर मिल भी रहा है तो 100 से 150 रुपये में। बाजार में मास्क की कमी देख एक दंपती ने समाज सेवा का जुनून लेकर घरों में मास्क बनाना शुरू कर दिया। नगर थाना के रामाबांध बंगलागिराज चंदौली निवासी उमेश यादव अपनी पत्नी किरण देवी के साथ घरों में मास्क बना लोगों के बीच वितरण कर रहे हैं। इस कार्य में उमेश की दो पुत्रियां साथ दे रही हैं। लॉकडाउन में यह दंपत्ती अपने घरों में रहकर खाना बनाकर खाने के बाद बचे समय में मास्क बनाने में लग जाते हैं। गुरवार को एक सौ मास्क बनाकर लोगों के बीच निशुल्क वितरण किया है। उमेश ने बताया कि बाजार में बेहतर मास्क नहीं मिलने और कुछ जगहों पर एक से ज्यादा पैसे में मिलने की सूचना के बाद मेरी पत्नी ने मास्क बना बांटने की बात कही। सोचा गरीब तबके के लोग दुकान से मास्क नहीं खरीद सकेंगे।पत्नी की बात पर हम दोनों ने कपड़े का मास्क बना निशुल्क वितरण करने की जिज्ञासा लिए बनाने का कार्य शुरु किए हैं। उमेश ने बताया कि पहले दिन 100 मास्क बनाया गया है। एक सौ मास्क बनाने में करीब एक हजार से 1500 सौ रुपये का कपड़ा लगता है। बताया कि कटिग दोनों पुत्रियां करते हैं और हम पति पत्नी सिलाई करते हैं। पत्नी सिलाई का प्रशिक्षण देने का काम करती है।उमेश ने बताया कि वह जन अधिकार युवा मोर्चा से भी जुड़ा है। उधर बाजार में मास्क की कमी को देखते हुए डीएम के निर्देश पर रफीगंज प्रखंड के गोरडिहा एवं चरकांवां पंचायत के जीविका समूह से जुड़ी निभा कुमारी,रिकु कुमारी, रुबी देवी, फूल कुमारी, संगीता देवी, गिता देवी,अंजू कुमारी के द्वारा मास्क बनाया जा रहा है।अबतक जीविका की महिलाओं के द्वारा 28 हजार मास्क बनाया गया है। जिले के सभी प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों को दो-दो हजार मास्क उपलब्ध कराया गया है। जीविका के डीपीएम चंदन कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) से समन्वय स्थापित कर मास्क बनाया जा रहा है और डीएचएस को दी जा रही है। एक मास्क को 20 रुपये में डीएचएस को दी गई है