अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा उठाते हुए भारत अपने भूमिगत भंडार भरने की तैयारी कर रहा है। भारत ने अपनी आपातकालीन जरूरतों के लिए 53.3 लाख टन का भंडार तैयार किया है। कर्नाटक के मंगलुरु और पाडुर तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापतनम में बने इन रिजर्व से आपात स्थिति में 9.5 दिन तक तेल की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। इन रिजर्व को भरने के लिए भारत ने सऊदी अरब और यूएई से आयात बढ़ाया है।
इस मामले जुड़े सूत्रों का कहना है कि मंगलुरु और पाडुर के रिजर्व आधे खाली हैं, जबकि विशाखापतनम वाले रिजर्व में भी कुछ जगह खाली है। फिलहाल सऊदी अरब, यूएई और इराक से तेल खरीदकर इन्हें भरा जाएगा। कोरोना के कारण उपजी परिस्थितियों में तेल की मांग कम होने और ओपेक व अन्य तेल उत्पादक देशों की ओर से उत्पादन में कटौती नहीं किए जाने से जनवरी से अब तक तेल की कीमतों में 60 फीसद से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।