कोरोना महामारी की वजह से भारत में भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ा है। कई कंपनियों ने लॉकडाउन के पहले से ही बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेज दिया था। नतीजतन आज भी कई कंपनियों के ऐसे कामगार लॉकडाउन के बावजूद काम कर रहे हैं। उत्पादकता बनी हुई है। अभी तक कामकाज के इस नए तरीके से कतरा रही कंपनियां अब संभावनाएं तलाशने लगी हैं। लाभ का सौदा होने की बात भी कर रही हैं, खासकर आइटी-बीपीओ, टेलीकॉलिंग, डाटा क्रिएशन, एनालिसिस से जुड़ी कंपनियां।
जानकारों का कहना है कि जिस तरह कंपनियां कामकाज के नए तरीकों पर फोकस कर रही हैं, वैसे ही कामगारों को भी सतर्क होना पड़ेगा। उन्हें घर पर रहकर काम करने की इस विधा में खुद के लिए कुछ बेंचमार्क तय करने होंगे। आइए, जानते हैं अपने देश में वर्क फ्रॉम होम की मौजूदा स्थिति और वे न्यूनतम मानक जिनके तहत कामगार बेहतर आउटपुट देकर अपनी सार्थकता बनाए रख सकते हैं।