वर्तमान महामारी जनित कारणों से दुनिया में अर्थव्यवस्था सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। हालांकि सभी देश इस महामारी और उससे जनित आर्थिक दुष्प्रभावों से निपटने में जुटे हैं। ऐसे में यह महसूस किया जा रहा है कि समावेशी और विकेंद्रित विकास की नीतियों से ही इस समस्या का समाधान तलाशा जा सकता है। 2020 का वर्ष भूमंडलीकरण के सबसे भयावह विस्तार और सिकुड़न के रूप में सामने आ रहा है।
हालांकि इस तथ्य से लगभग सभी लोग एकमत होंगे कि वैश्वीकरण की नीतियों से दुनिया भर में अब तक करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से न केवल बाहर निकाला गया है, बल्कि तमाम नई तकनीकों और सेवाओं के माध्यम से जनता के जीवन स्तर में भी क्रमिक सुधार लाया गया है। साथ ही यह भी सच है कि वैश्वीकरण ने देशों को आवश्यकता से अधिक एक दूसरे पर निर्भर बना दिया।