पहुंचाने में मददगार बनीं। बच्चे का इलाज कानपुर के एक अस्पताल में चल रहा है और उसकी दवाइयां खत्म हो रही थीं। मां-बेटे का कानपुर तत्काल पहुंचना जरूरी था।
कानपुर मेस्टन रोड बड़ा चौराहा निवासी खुशबू अपने सात वर्षीय बेटे अवनिक वर्मा के साथ 20 मार्च को किसी समारोह में शामिल होने पूर्वी दिल्ली आई थीं। 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित हो गया। दिल्ली में फंसने की वजह से वह बेहद परेशान थीं, क्योंकि उनके बेटे का कानपुर के स्पेस्टिक सेंटर में इलाज चल रहा था। बच्चे की दवाइयां खत्म हो रही थीं और उसे डॉक्टर को दिखाना जरूरी था। उन्होंने अपने एक रिश्तेदार से संपर्क किया। रिश्तेदार राहुल वर्मा ने शाहदरा पुलिस उपायुक्त दिनेश गुप्ता के कार्यालय में संपर्क कर बच्चे के इलाज के सभी दस्तावेज दिखाते हुए मदद की गुहार लगाई। उपायुक्त ने मदद करते हुए 11 अप्रैल को कर्फ्यू पास जारी कर दिया।
इसके बाद राहुल अवनिक और उनकी मां खुशबू को लेकर कार से कानपुर के लिए निकले। रास्ते में कई जगह पुलिस ने रोका पर बच्चे की हालात के बारे में जानकारी देने पर उन्हें आगे जाने दिया गया। कानपुर तक पहुंचने में उन्हें कई स्थानों पर पुलिस मिली, लेकिन सभी जगह पुलिस मददगार साबित हुई।