दुनिया के शीर्ष तेल उत्पादक देशों ने वैश्विक तेल उत्पादन में कटौती का समझौता कर प्राइस वॉर को समाप्त कर दिया है। पिछले एक सप्ताह से लगातार चल रही वार्ताओं और कई देशों के मंत्रियों की चार दिन की वीडियो कांफ्रेंस के बाद कोरोना वायरस के कारण मांग पर पड़ रहे प्रभाव से निपटने के लिए यह समझौता हुआ है। एक समय पर मैक्सिकों के प्रतिरोध के कारण ओपेक प्लस देशों के बीच उत्पादन में कटौती को लेकर समझौता विफल होता दिखाई दे रहा था, लेकिन सप्ताह के अंत में कूटनीतिक चर्चा के बाद यह समझौता हो गया।
तेल उत्पादक देशों का समूह ओपेक प्लस प्रति दिन 97 लाख बैरल तेल के उत्पादन की कटौती के लिए तैयार हुआ है। पहले इस समूह की एक करोड़ बैरल तेल प्रति दिन की कटौती की योजना थी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। इससे औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसका सीधा असर तेल की खपत पर पड़ा है। खपत में कमी से तेल की कीमतें 18 सालों के न्यूनतम स्तर पर आ गई। तेल की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए ही तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन में कटौती का फैसला लिया है।