देशभर के सभी संरक्षा रेल कर्मियों को कर्फ्यू पास वितरित कर दिए गए हैं। हालांकि, मंगलार को सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन में हरी झंडी मिलने के बाद ही ट्रेन चलेंगी।
रनिंग स्टाफ का रेड जोन, यलो जोन, ग्रीन जोन के आधार पर डाटाबेस बनाया जा रहा है ताकि देश में आशिंक रूप से ट्रेन चलाने की योजना में बाधा उत्पन्न ना हो सके। रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो दिन से संरक्षा से जुड़े रेल कर्मचारियों को कफ्र्यू पास दिए जा रहे हैं। इसमें संरक्षा और रनिंग स्टाफ के पास विभाग का पहचान पत्र होने के साथ रेलवे के क्लास वन अधिकारी का पत्र होगा ताकि ड्यूटी के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचने में उनको पुलिस से मंजूरी मिल सके। रनिंग स्टाफ जैसे कि सहायक ड्राइवर, ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, टीसी, स्टेशन प्रबंधक, इलेक्ट्रिकल-मकैनिकल इंजीनियर आदि के घर के पते के आधार पर कंप्यूटराइज्ड डाटाबेस बनाया जा रहा है।
ढील के बाद हवाई यात्रा महंगी होगी
लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद हवाई सफर पहले की तरह नहीं होगा। लॉकडाउन के बाद नई व्यवस्था में 180 सीटों वाले विमान में महज 60 यात्री सफर करेंगे। एयरलाइन कंपनियों के सूत्रों की मानें तो इस नुकसान को पूरा करने के लिए हवाई किराया डेढ़ से तीन गुना तक बढ़ जाएगा। उनका मानना है कि यात्री तो घटेंगे, लेकिन कंपनियों के तेल, रखरखाव और पार्किंग आदि खर्च में कमी नहीं होगी। एयरपोर्ट के प्रवेश और निकासी द्वार के अलावा, अंदर एयरलाइन काउंटर, बैगेज बेल्ट आदि प्रत्येक क्षेत्र में 1.5 मीटर की शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखा जाएगा।