पंजाब सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में COVID-19 के संदिग्ध और Positive मरीजों के उपचार की पूरी व्यवस्था के दावे कर रही है, परंतु जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। अमरपुरा की रहने वाली महिला की कोरोना से मौत होने के बाद सरकारी अस्पताल में सरकारी कुव्यवस्था का जो मामला सामने आया है उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैैं। दरअसल, महिला की तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे Isolation वार्ड में Ventilator न होने के कारण पटियाला रेफर कर दिया गया। उसकी मौत के अगले ही दिन अब उसी सिविल अस्पताल से धूल फांक रहे चार Ventilator CMCH में शिफ्ट किए गए हैैं।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह Ventilator पिछले साल अगस्त महीने में अस्पताल को मिले थे। योजना थी कि Isolation वार्ड को ICU में तब्दील करने के बाद इनका इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन न तो Isolation वार्ड ICU में तब्दील हुआ और न ही Ventilator इस्तेमाल हुए। कई बार सेहत विभाग के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाए जाने के बावजूद इन्हें ऑपरेट करने के लिए ट्रेंड स्टाफ भी अस्पताल को उपलब्ध नहीं करवाया गया। इतना ही नहीं CMCH भेजे गए Ventilator के अलावा Mother and Child Hospital के Special New Born Care Unit में भी नौ Ventilator ट्रेंड स्टाफ न होने के कारण बेकार पड़े हैैं।