ग्राम प्रधान पद के लिए जिले में 201 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें सर्वाधिक 97 पद सामान्य होंगे। इन पदों पर किसी भी जाति की महिला चुनाव लड़ सकेगी। जिले में 590 ग्राम पंचायतें हैं। यहां इस बार सीटों का परिसीमन नहीं किया गया है। इसकी वजह किसी भी गांव का नगर पंचायत, नगर निगम या नगर पालिका में शामिल न होना है। ऐसे में न तो सीटों की संख्या बढ़ी है और न ही घटी है। ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव को लेकर गहमागहमी है। प्रधान पद पर काबिज होने के लिए दावेदार एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। सीट वार आरक्षण भले ही अभी तय नहीं है, लेकिन दावेदार अपने अनुकूल सीट का आरक्षण होना मानकर तैयारी में जुटे हैं।
हर गांव में पैनल भी बने हुए हैं। पैनल में शामिल लोग तय कर चुके हैं कि सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगी तो उनके पैनल से कौन लड़ेगा और पिछड़ी जाति या सामान्य के लिए होगी तो कौन मैदान में उतरेगा। जारी आरक्षण के मुताबिक पिछड़ी जाति के लिए 156 और अनुसूचित जाति के लिए 141 सीटें आरक्षित की गई हैं। 196 सीटेंं ऐसी होंगी जिन पर सभी जाति के लोग मैदान में उतर सकेंगे। 97 सीटें ऐसी हैं जिन पर किसी भी जाति की महिला उम्मीदवार हो सकेंगी।