लखनऊ [कुमार संजय]। भारत बायोटेक की को-वैक्सीन के फायदे और नुकसान को लेकर पहले फेज का परिणाम वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने रखा है। वैज्ञानिकों में देश के 11 संस्थान में पहले फेज के क्लिनिकल ट्रायल का रिपोर्ट सामने रखा है। जिसमें 375 लोगों पर वैक्सीन लगने के पहले डोज और दूसरे डोज के बाद लंबे समय तक नजर रखा। साथ ही उनके रक्त का नमूना लेकर कोरोना से लड़ने की क्षमता का भी अध्ययन किया।
इन लोगों को दो वर्ग में बांट कर अलग अलग मात्रा में वैक्सीन दिया गया। 18 से 55 आयु वर्ग के महिला और पुरूषों को वैक्सीन दिया गया। तो देखा गया कि इंजेक्शन देने के साइट पर 5 फीसदी लोगों को दर्द, सिर दर्द की परेशानी 3 फीसदी, थकान की परेशानी 2 फीसदी, उल्टी या मिचली की परेशानी दो फीसदी लोगों को हुई, लेकिन किसी में भी कोई गंभीर परेशानी नहीं हुई।
वैज्ञानिकों ने देखा कि वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद 86 से 93 फीसदी लोगों में सीरो कनर्वजन रेट मिला। सीरो कनवर्ज रेट से साबित होता है कि कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में एंटी बाडी बनी है। शोध को इंटरनेशन मेडिकल जर्नल ने लासेंट ने स्वीकार किया है। वैज्ञानिकों ने सेफ्टी एंड इम्यूनोजेनसिटी आफ एन इनएक्टीवेटेड सार्स को-2 वैक्सीन बीबीवी 152 ए डबल ब्लाइंड रैडमाइज्ड फेज वन ट्रायल विषय को लेकर शोध किया।