ठीक एक साल पहले डर और दहशत की चिंगारी शेरपुर चौक, करावल नगर में फूटी थी। इसके बाद उत्तर पूर्वी जिला दंगों की चपेट में आ गया था। कई लोगों की मौतें हुईं। कई घायल भी हुए। मकानों और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई।
स्कूल और पेट्रोल पंप भी इससे अछूते नहीं रहे। लेकिन एक साल में परिस्थितियां काफी हद तक बदल चुकी हैं। कोरोना महामारी को झेलते हुए दंगे के दर्द को दफन कर लोगों की जिंदगी अब रफ्तार पकड़ने लगी है। जिन लोगों की मौतें हुईं, वे तो वापस नहीं आ सकते हैं। लेकिन टूटे व जले प्रतिष्ठान फिर से शुरू हो चुके हैं। ब्रजपुरी स्थित अरुण सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल हो या शिव विहार तिराहा स्थित डीआरपी पब्लिक स्कूल। दोनों फिर से बच्चों के लिए खुल गए हैं। हालांकि, अभी नौवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं। अरुण पब्लिक स्कूल के निदेशक भीष्म शर्मा कहते हैं कि मुआवजा तो पांच लाख मिला था। लेकिन नुकसान करीब सवा करोड़ रुपये का हुआ था। दीवारों को तोड़ना पड़ा।