अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान टाक्टे गुजरात में प्रवेश करने के बाद राजस्थान की तरफ बढ़ा है । इस चक्रवाती तूफान के कारण मंगलवार को पूरे प्रदेश में बादल छाए रहे,पांच संभागों में दिनभर बारिश का दौर जारी रहा । कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश हुई। हवा का दौर भी चला। गुजरात से सटे राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिलों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों ने घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया ।
आपदा प्रतिक्रिया दल तहसील स्तर पर तैनात किए गए हैं । सभी अस्पतालों में जनरेटर और ऑक्सीजन का बैकअप तैयार किया गया है । कोरोना महामारी के बीच आ रहे इस तूफान के कारण बिजली गुल होने की संभावना को देखते हुए बंदोबस्त किया गया है । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तूफान के संबंध में बात हुई । गहलोत ने अधिक बारिश की चेतावनी वाले जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से टेलिफोन पर बात कर आपदा में बचाव की तैयारियों का जायजा लिया ।
पांच संभाग के 30 जिलों में तूफान के प्रभावित होने की आशंका के चलते सोमवार शाम को लगातार दो बार अलर्ट जारी किया गया । डूंगरपुर जिला कलेक्टर ने लोगों से घरों के बाहर नहीं निकलने की अपील की है ।डूंगरपुर,बांसवाड़ा,उदयपुर,प्रतापगढ़ जालौर व सिरोही जिलों में तेज हवाओं का दौर चला ।
सवाईमाधोपुर,टोंक,चित्तोडगढ़,भीलवाड़ा,जयपुर,जोधपुर व कोटा में बारिश का दौर सोमवार आधी रात बाद शुरू होने के साथ ही तापमान में कमी आई है। मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि चक्रवात का सबसे ज्यादा असर जोधपुर व उदयपुर संभाग के जिलों में है । शर्मा के अनुसार बुधवार को भारी बारिश की संभावना है। यह तूफान 20 मई को उत्तरी पूर्वी इलाकों की ओर आगे बढ़ते हुए कमजोर पड़ जाएगा।