उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 350 सीटें जीतने के लिए भाजपा यूपी में पिछड़ों को साधने निकल
पड़ी है। मंगलवार को मेरठ में भाजपा के पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालय पर क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नरेद्र कश्यप ने पिछड़ा वर्ग सम्मेलन की घोषणा की। भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल ने भी योजनाओं का जिक्र किया। यूपी में 350 सीटों पर जीत के लिए भाजपा पिछड़ों का वोट हासिल करना जरूरी है। पार्टी हर जिले में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करके ओबीसी वोट को साधेगी। सितंबर- अक्तूबर में ये सम्मेलन शुरू होंगे। कमान उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह संभालेंगे।
सीएम करेंगे ओबीसी सम्मेलन की अगुवाई
नरेंद्र कश्यप ने कहा कि पार्टी पिछड़े वर्ग की प्रमुख जातियों के सम्मेलन कराएगी। प्रमुख शहरों के सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ संवाद करेंगे। सम्मेलनों में 2017 नगरीय निकाय चुनाव, लोकसभा व 2021 पंचायत चुनाव में भाजपा ने पिछड़ों को जो महत्व दिया उसे बताएगी। 2019 से पहले 2018 में एक महीने तक मौर्य, कुशवाहा, यादव, निषाद, राजभर, सैनी, लोहार, गुप्ता, लोधी, बिंद, लोनिया और कश्यपों सहित अन्य पिछड़ी जातियों के सम्मेलन कराए थे। इससे पार्टी को चुनाव में लाभ मिला।
पिछड़ों के लिए जो किया वो गिनाएगी
यूपी में पिछड़ों को साधने के लिए भाजपा ने 32 टीमें बनाई हैं। ये टीमें 75 जिलों, 6 क्षेत्रों में पिछड़ों को जोड़ने का काम करेंगी। पार्टी पिछड़ों के लिए भाजपा सरकार द्वारा शुरू हुई योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगी। ओबीसी छात्रों को एमबीबीएस, एमडी, नीट एग्जाम में 27 प्रतिशत कोटा तय किया है। निर्धन वर्ग के ओबीसी छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। 27 ओबीसी सांसदों को पार्टी ने केंद्रीय मंत्री बनाया है। भाजपा ने ओबीसी आयोग की संवैधानिक दर्जा देने के साथ संगठन निगम आयोगों में भी पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया है यह भी बताएगी।