सरकारी ऐसे कार्यकर्ताओं को बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाल रही है.
By -Rajesh Kumar Siddharth
June 28, 2022
पत्रकार जुबैर, मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार की रिहाई को लेकर माले ने निकाला प्रतिरोध मार्च
मोदी-शाह के शासन में जितने बड़े पैमाने पर पत्रकारों पर सरकार की ओर से हमले हुए हैं, उतने तो घोषित आपातकाल में भी नहीं हुए थे- सुरेन्द्र
पत्रकार जुबैर, तीस्ता सेतलवाड़ और आर० श्रीकुमार को बिना शर्त रिहा करे सरकार- बंदना सिंह
राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर पत्रकार मोहम्मद जुबैर, मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ एवं आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ भाकपा माले ने प्रतिरोध मार्च निकालकर गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की. उक्त मांगों को लेकर भाकपा माले के झंडे, बैनर एवं मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां हाथों में लेकर कार्यकर्ताओं ने शहर के मालगोदाम चौक से मार्च निकाला. नारे लगाते हुए बाजार क्षेत्र के विभिन्न भागों से गुजरते हुए मार्च स्टेशन चौराहा पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. सभा की अध्यक्षता स्थाई जिला समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया. ललन कुमार, अनील चौधरी, राज कुमार चौधरी, अरूण राय, उमेश राय, बंदना सिंह, रामलाल राम, जयंत कुमार, मो० अलाउद्दीन आदि ने सभा को संबोधित किया. भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी- शाह शासन काल में पत्रकार, बुद्धिजीवी, कवि, लेखक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता पर जितने हमले हुए उतने हमले घोषित आपातकाल में भी नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि संघ- भाजपा की मोदी सरकार सच लिखने, बोलने से डरती है. इसलिए सरकारी ऐसे कार्यकर्ताओं को बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाल रही है. सरेआम लोकतंत्र एवं संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है. लेकिन लोकतांत्रिक देश भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. इसके खिलाफ जनता लड़ रही है और इस लड़ाई को तेज कर जनविरोधी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा.