दीपावली के दिन जहां दुनिया दियों से घर-आंगन रौशन करने और पटाखों से जश्न मनाने में डूबी है, वहीं आगरा में एक बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करके दरिंदों ने इस त्यौहार के मुंह पर कालिख पोत दिया।
इस पावन त्यौहार पर भी एक बेटी दरिंदों का शिकार हो जाती है। लेकिन, सत्ता को फ़र्क़ नहीं पड़ता। बाबा जी! दीवाली का असल मतलब तब पूरा हो सकता है। जब हर महिला, किसान खुशहाल हो। अन्यथा किसी शहर में लाखों दीप जलवाने का कोई मतलब नहीं।ab tak nyay#दीपावली के दिन जहां दुनिया दियों से घर-आंगन रौशन करने और पटाखों से जश्न मनाने में डूबी है, वहीं आगरा में एक बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करके दरिंदों ने इस त्यौहार के मुंह पर कालिख पोत दिया। इस पावन त्यौहार पर भी एक बेटी दरिंदों का शिकार हो जाती है। लेकिन, सत्ता को फ़र्क़ नहीं पड़ता। बाबा जी! दीवाली का असल मतलब तब पूरा हो सकता है। जब हर महिला, किसान खुशहाल हो। अन्यथा किसी शहर में लाखों दीप जलवाने का कोई मतलब नहीं।
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November 13, 2023